तुझे पाने की हसरत में, कब तक तरसते रहें,
कोई ऐसा दे धोखा, कि मेरी आस टूट जाए।
मतलब की दुनिया में कौन किसका साथ देता है?
धोखा वो ही देता है, जिस पर भरोसा होता है।
कसूर उनका नहीं जो धोखा दिया उन्होंने,
आदत तो हमें ही है धोखे खाने की,
टूटेगा दिल एक दिन जाने थे हम,
फिर भी भूल की हमने उनको चाहने की।
धोखा देने के लिए शुक्रिया ऐ दोस्त,
तुम न मिलते तो दुनिया समझ में न आती।
वार इस कदर शदीद, कि दुश्मन ही करता,
चेहरा मगर जरूर किसी आशना का था।
आज के दौर में प्यार की कीमत ही नहीं,
ज़िंदा रहने के लिए कितनी बार मौत सहता है,
वही देते हैं सदा आखिरी में धोखा उसको,
जिनकी खातिर उमर भर वो तड़पता रहता है।
कोई धोखा नहीं ऐसा जो न खाया हमने,
जिंदगी भर तेरा साथ निभाया हमने,
कभी मेहनत का सिला अपनी तो पाया ही नहीं,
छाँव औरों को मिली पेड़ लगाया हमने।
भरोसा नहीं रहा इसे जब अपनी जिंदगी का,
बताओ ये किसी और का ऐतबार करे कैसे,
एक बार तो खा चुका है ये धोखा प्यार में,
अब और किसी से बताओ प्यार करे कैसे।
ये इश्क भी क्या चीज़ है ग़ालिब,
एक वो है जो धोखा दिए जाते हैं,
और एक हम हैं, जो मौका दिए जाते हैं।
प्यार किसी ऐसे से करो जिसकी ज़िन्दगी में दर्द हो,
क्यूँकि वो इंसान कभी धोखा नहीं दे सकता।
तकलीफ ये नहीं कि किस्मत ने मुझे धोखा दिया,
यकीन मेरा तुम पर था किस्मत पर नहीं।
इतने मुगालते दिये उम्मीदो-बीम ने,
साहिल को मौज, मौज को साहिल बना दिये।
धोखा देने का शुक्रिया ऐ मेरे बिछड़े हुए हमससफर,
वरना ज़िन्दगी का मतलब ही नहीं समझ में आता।
न जाने क्यों उससे प्यार करता हूँ मैं,
न जाने क्यों उसपे जान निस्सार करता हूँ मैं,
यह जानता हूँ वह देगा धोखा एक दिन,
फिर भी जाने क्यों उसपे ऐतबार करता हूँ मैं।
किसी का यूँ तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी,
ये हुस्न-ओ-इश्क़ तो धोखा है सब मगर फिर भी।
दिल धोख़े में है,
और धोख़ेबाज दिल में।
आप जिसके वास्ते मुझसे किनारा कर गए
आपसे बच कर वही मुझको इशारा कर गए।
चाहत ने आँसू के तोहफे दिए,
बातों ने यादों के तोहफे दिए,
इस लिए अंधेरो से लिपट के रो पड़े हम,
क्योंकि उजालों ने बहुत से धोखे दिए।
वक़्त के एक दौर में इतना भूखा था मैं,
कि कुछ न मिला तो धोखा ही खा गया।
एक ही बात इन लकीरों में अच्छी है,
धोखा देती हैं, मगर हाथ में ही रहती हैं।
समझ जाते थे हम उनके दिल की हर बात को,
और वो हमें हर बार धोखा देते थे,
लेकिन हम भी मजबूर थे दिल के हाथों,
जो उन्हें बार-बार मौका देते थे।
तुमको समझाता हूँ इसलिए ऐ दोस्त,
क्योंकि सबको ही आज़मा चुका हूँ मैं,
कहीं तुमको भी पछताना न पड़े यहाँ,
कई हसीनों से धोखा खा चुका हूँ मैं।
आपको भी अपना कर देख लिया,
आप से भी धोखा खाकर देख लिया,
बरबाद भी हम हुए जो, तो क्या,
आपने तो दिल बहला कर देख लिया।
इश्क में इसलिए भी धोखा खाने लगे हैं लोग
दिल की जगह जिस्म को चाहने लगे हैं लोग।
करो अगर प्यार तो धोखा मत देना,
चाहने वालों को दर्द का तोहफा मत देना,
आपकी याद में दिल से रोता हो जो वो,
प्यार में उसको कभी धोखा मत देना।
दिल लगाना छोड़ दिया हमने
आँसू बहाना छोड़ दिया हमने,
बहुत खा चुके धोखा प्यार में
इसलिए मुस्कुराना छोड़ दिया हमने।
ये देखा है हमने खुद को आजमाकर,
धोखा देते हैं लोग करीब आ कर,
कहती है दुनिया पर दिल नहीं मानता,
कि छोड़ जाओगे तुम भी एक दिन अपना बना कर।
सबक इस ज़िन्दगी में बस इतना ही मिला है,
धोखा बस वो ही नहीं देते, जिन्हें हम मौका नहीं देते।
रोज ढलती हुई शाम से डर लगता है,
अब मुझे इश्क के अंजाम से डर लगता है,
जब से मिला है धोखा इस इश्क़ में,
तब से इश्क़ के नाम से भी डर लगता है।
कम से कम मौत से ऐसी मुझे उम्मीद नहीं,
ज़िंदगी तूने तो धोखे पे दिया है धोखा।